परिचय प्रयास
परिचय प्रयास
मैं! मैं कौन हूँ?
नि: शब्द हो जाता हूँ इस प्रश्न पर
सोचता हूँ क्या है इसका उत्तर?
क्या मैं वो हूँ जो मैं हूँ
या वो जो मैं हो न सका
या वो जो मैं होना चाहता था
या वो जो मैं हो जाऊँगा।
मै! मैं कौन हूँ?
क्या केवल स्थूल शरीर का वाहक
जिसकी चेतना अधोगति है
या वो जो अभी अस्तांचलगामी है
क्या पुनः उदय को भी प्राप्त होगा!
मै! मैं कौन हूँ?
क्या क्षीर में छिपा नवनीत हूँ
जिसको कालचक्र में मथना बाकी है!
या हूँ सीपी के मुख का भावी मोती
जो स्वअस्तित्व को पाने को
प्रतीक्षा में है स्वाती के बूंदों की।
हाँ! मैं भूत भी था वर्तमान भी हूँ
निश्चित ही भविष्य भी होउंगा
चेतना भी निश्चय ही उर्ध्वमुखी होगी
निश्चय ही उदयांचलगामी भी होउंगा
क्योंकि मैं दीप्त हूँ ! मैं नित्य हूँ !
समय के क्षितिज पर अमिट छवि हूँ
हस्ताक्षर हूँ निरंतरता का! हाँ! मैं रवि हूँ ।