प्रेम को प्रेम से जीत सकूँ
प्रेम को प्रेम से जीत सकूँ
आपके हाथ की हथेली पर मैं
क्या उपहार की भेंट करूँ
देने के कुछ काबिल नहीं मैं
जो आपको कुछ मैं दे पाऊँ।।
इतना ही है मेरे पास में
आपको सदा मैं प्यार करूँ
आपकी हर इच्छा को मैं
हर कोशिश पूरी कर पाऊँ।।
चाहूँ नहीं धन संपत्ति कभी मैं
प्रेम से प्रेम को जीत सकूँ
हर दुआ, प्रार्थना ईश्वर से मैं
आपका साथ ही पहले माँगू।।
साथ आपका मेरे साथ में
हर पल, हर दिन महकाऊँ
आपकी ही बस बनके रहूँ मैं
हर सांस में सुमिरन कर पाऊँ।।
अभिलाषा आपकी पूरी करूँ मैं
निःस्वार्थ भाव से सम्मान करूँ
विश्वास को दृढ़ विश्वास बना मैं
जीवन की राहें आसान करूँ।।