पिता के बिना
पिता के बिना
पिता नहीं है मेरे पर पिता का साथ है मुझे
उनके साथ बीते पलों का एहसास है मुझे।
मैंने क्यों उनको बहुत छोटी उम्र में खोया हैं
मैंने उनकी हर बात को मोती सा पिरोया हैं।
हर खुशी दे गए कम समय में ही मुझको
पिता के साथ एक अच्छे दोस्त थे समझो।
हर ख़्वाहिश मेरी कर दी थी पिता ने पूरी
उनकी कमी से लगती है पर जिंदगी अधूरी।
उनके रहते दुख कभी भी न छू पाया मुझे
उनका जाना ही उफ्फ बहुत रुलाया हैं मुझे।
पिता हर बच्चों के सम्पूर्ण ही होता है "नीतू"
मुझे तो हर जन्म में यही पिता मिले हूबहू।
