फर्ज़ की राह पर चलना
फर्ज़ की राह पर चलना
ज़िंदगी का नहीं है कोई भी भरोसा,
न जाने कौन सा पल हो आखिरी अपना।
यही सोचकर तुम आगे बढ़ना,
और सोच समझकर हर क़दम उठाना।
अपने फर्ज़ की राह पर चलना,
कभी किसी को नहीं सताना।
ईमानदारी की राह तुम चुनना,
बेईमानी से सदैव दूर ही रहना।
धोखा किसी को कभी न देना,
सच्चाई से हरदम आगे बढ़ना।
संतोष को अपने दिल में धरना,
लालच से सदा दूर ही रहना।
अपने मां बाप की सेवा करना,
जीवन का हर सुख उन्हें देना।
उनकी कद्र हमेशा ही करना,
अपना जीवन सफल तुम करना।
अपने देश से हमेशा प्यार करना,
उसका सम्मान हमेशा करना।
धरती मां के एहसानों को मानना,
उसकी सुरक्षा का ध्यान सदा ही रखना।
