Shailaja Bhattad
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फरियाद है ज़मीं आसमां से फिर से
अट्टाहास रुक जाए अब जहां में फिर से।
खामोशी टूट जाए
रंगों से भर जाए यह दुनिया फिर से ।
अधूरे अधूरे से हैं सब
टूटे-टूटे से हैं हम सब,
नजारे बदल जाएं फिर से।
हम सब एक हो जाएं अब से।
हे प्रभु
जय जय श्रीराम...
राम- भरत
श्री राम- भरत
हिन्दी नारे
श्रीराम
होली है
फूलों की होली
कान्हा होली म...
होली