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Shailaja Bhattad

Others

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Shailaja Bhattad

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फरियाद है

फरियाद है

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फरियाद है ज़मीं आसमां से फिर से

अट्टाहास रुक जाए अब जहां में फिर से।

खामोशी टूट जाए

रंगों से भर जाए यह दुनिया फिर से ।

अधूरे अधूरे से हैं सब

टूटे-टूटे से हैं हम सब,

नजारे बदल जाएं फिर से।

हम सब एक हो जाएं अब से।


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