Mistry Surendra Kumar
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लोभ बढ़ गया है दुनिया में
मैं बात करूं जो नादानी है,
पागल कर दे इंसान को जो
पैसे की अजब कहानी है।
अपना और पराया देखे
केवल स्वार्थ सिद्धि की ठानी है,
रिश्तो को भी तोड़ दे जो
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