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कुमार संदीप

Others

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कुमार संदीप

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पापा !

पापा !

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हाँ पापा आज आप हमारे बीच नहीं हैं

पर मुझे आज भी वो पल याद है

जब आपके साथ गाँव का मेला देखने

मैं जाता था, धन का अभाव था आपके पास

पर फिर भी आप मेरी खुशी के लिए

मुझे खिलौने खरीद देते थे।।।


हाँ पापा, ईश्वर को शायद आपकी जरुरत थी

इसीलिए तो ईश्वर ने असमय ही आपको

अपने पास बुला लिया, हाँ पापा जब याद

करता हूँ वो पल जो आपके साथ गुजारे थे

मैंने नयनों से नीर की नदियाँ बहने लगती है

हाँ, आप तो चले गए पर आपका पुत्र

बस जी रहा है किसी सहारे किसी तरह...


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