Kusum Lakhera

Action Classics Inspirational

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Kusum Lakhera

Action Classics Inspirational

नृत्य बहुत कुछ

नृत्य बहुत कुछ

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डांस शब्द ही है अधूरा

पश्चिमी अर्थ ही समझ आए

पर मेरे साथियों इसको नृत्य कहें तो

दिव्य दर्शन हो जाएँ

मात्र नाच नहीं ये

इसमें सम्पूर्ण जीवन समाए


ये कला का द्वार हैं

ये संस्कृति और संस्कार है

शिव को जो समझे पूर्ण रूप से 

वह जान जाए कि ये नटराज सम 

बहुत ही उच्च श्रेणी का उत्तम विचार है 

ये सृष्टि का कल्याण है 


रौद्र रूप में तांडव है

त्रिनेत्र खुले तो संहार है

ये प्रेम है परमात्मा है 

ये रासलीला का आधार है 

ये गोपियों के गीत हैं 


ये कृष्ण की मुरली की तान है 

ये जीवात्मा का परमात्मा से , 

मिलन कराता पावन अहसास है 

ये नृत्य बस एक चांस नहीं

ये मीरा का पावन प्यार है 

ये भक्ति में डूबे हुए ग्वाल बालों,


की हुंकार है 

ये प्रकृति के लिए एक बड़ा वरदान है

कोयल का कूकना 

तोतों का गाना 

पक्षियों का कलरव करते हुए उड़ जाना

बारिश के मौसम में मोर का पंख खोलकर

नृत्य करना


क्या ये सब नृत्य की अदभुत नहीं बनाते 

सच बिन नृत्य के सृष्टि बस एक पिंड है 

और इस नृत्य से सृष्टि में जीवन है !


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