निर्णय बेटी की बिदाई का
निर्णय बेटी की बिदाई का
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छह मास न गुजरे ब्याह को,
लगा वैधव्य का कलंक माथे,
उम्र ही क्या थी क्या करते
बिठा जीवन भर,
सोचा किस तरह परिस्थिति को साधें,
अब तो हमारे घर की लक्ष्मी,
यह हमारी ही बेटी है,
दोबरा किया हाथ पीले कर
माता पिता बन निर्णय यही लिया,
निर्णय यही लिया।
