नारी से नारी के रिश्ते
नारी से नारी के रिश्ते
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कैसा है यह चलन हमारा, कैसी है ये रीत
भाभी और ननद की कम ही जुड़ पाती है प्रीत।
दिखलाती क्यों सास अपेक्षा से ज्यादा अधिकार
होती आई सास बहू में अक्सर क्यों तकरार।
परिवारों में बात हमारे ऐसी क्या है खास
देवरानी जेठानी में क्यों अक्सर पली खटास।
बेटे से ज्यादा ही करती बेटी माँ को प्यार
भेदभाव क्यों रोक न पाती माँ ही जाती हार।
नारी से नारी के रिश्ते कम ही क्यों अनुकूल
ढूंढो तुम्हें मिलेगा इसमें ही संस्कृति का मूल।