नानी की सच्ची कहानियाँ
नानी की सच्ची कहानियाँ
कभी नहीं बचपन में सुनीं
मैंने तो परियों की कहानी
राम, कृष्ण ही जुबां पे उनकी
कहानी जब सुनाती थीं नानी
जाने क्यों उनको लगता था
सुदामा का पात्र बड़ा ही प्रिय
मैं उनसे पूछा यूँ करता था
क्यों उसने लुभाया आपका हिय
कृष्ण, अर्जुन का रथ पर संवाद
पूरा अर्थ सहित सुनाती थीं वो
मेरे मन में गीता के ज्ञान की
तब से ही अलख जगाती थीं वो
राम चन्द्र क्यों मर्यादा के प्रतीक
बचपन में ही मैं जान गया था
भगवान् व्यक्ति हैं या सदगुण हैं
अच्छी तरह से पहचान गया था
आप ही बतायें कहानी कौन सी
बच्चों के लिए होती है अच्छी
परी कथाओं को छोड़ दीजिये
महानायकों की कथा कहिये सच्ची।