STORYMIRROR

नविता यादव

Children Stories

3  

नविता यादव

Children Stories

नानी की कहानी

नानी की कहानी

1 min
359

मुझे याद है ये भली प्रकार

मेरी नानी को भाते थे गाने चार

कविता से उनको कोई मतलब नहीं,

पर कहानी सुनाती थी एक ही, अनेकों बार।।


बैठ चूल्हे के पास खाना बनाती,

मुझ संग बैठ, केहकहा लगाती,

गुनगुनाती एक ही अपना फेवरेट गाना

"दूर बन्ना गाए, बन्नी को सुनाए

आजा प्यारी बन्नी रे"

और अपनी जवानी के दिनों में खो जाती।।


फिर सुनाती हमको अपने ज़वानी की कहानी

कैसे कोई दूर से उनको देखता था,

और गाना गा के प्रपोज करता था

"ऐ मेरी पारो कहां चली,

ले जा ये गुड़ की ढली"

हम खुश हो जाते थे, प्यार भरे किस्से सुनने में मजे आते...!!!


Rate this content
Log in