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Dr.rajmati Surana

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Dr.rajmati Surana

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नानी के पसंद की

नानी के पसंद की

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पापा एक बार फिर से लौट आओ तुम, 

तुम बिन सहमी-सहमी सी रहती हूँ, 

अनजान चेहरे से मैं बहुत डरती हूँ ,

अंगुली पकड़ कर मुझे दुनिया दिखाओ

तुम, 

पापा एक बार फिर से लौट आओ तुम।


हँसाओ मुझे, रूलाओ तुम, 

कहानियाँ सुना मन मेरा बहलाओ तुम,

तुझे तो कुछ अक्ल ही नहीं कह,

जीवन की उलझन सुलझा दो तुम, 

पापा एक बार फिर से लौट आओ तुम।


नन्ही परी हूँ मैं कोई कहानी नहीं हूँ मैं, 

जब कहती थी तुम को तो खामोश हो, 

मेरी बातों से कभी तुम मुस्कराते तो कभी,

कान पकड़ पहले की तरह समझाओ तुम।

पापा एक बार फिर से लौट आओ तुम।


पापा आप की गोद में गुजरी थी सर्द रातें, 

गर्मियों में छत पर गुजरी वो आइसक्रीम

वाली रातें, 

बारिशों में छत पर भीगते हुए वो शरारती

लम्हे, 

उन हसीन लम्हों को नेह की छाँव से

सजा दो तुम।

पापा एक बार फिर से लौट आओ तुम।


कितना खुश हो जाते थे तुम जब मैं, 

विश्व विद्यालय में अव्वल आती थी,

अखबार में पढ़ नाम मेरा छाती खुशी से

फूल जाती थी,

अखबारों में आई मेरी कविताओं को

गुनगुना दो तुम।

पापा एक बार फिर से लौट आओ तुम।


"छोटी सी उम्र परणाई ओ बाबोसा " गीत, 

तुम कितना सुन्दर गाते थे...

तब नहीं कर सकी गीत को मैं सुरक्षित

किसी यंत्र में, 

आओ फिर से एक बार अपना गीत

सुना दो तुम।

पापा एक बार फिर से लौट आओ ।।



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