STORYMIRROR

Sandeep kumar Tiwari

Others

2  

Sandeep kumar Tiwari

Others

मुक्तक

मुक्तक

1 min
182

जिस तरह आंसूओं के

विष को पी रहा हूँ मैं 

क्या तुम्हें अब भी यकीं है

कि जी रहा हूँ मैं 

दुनिया के सारे रफ्फूगरों,

थू है तुम पर!

खुद के ज़ख़्मों को

खुद ही सी रहा हूँ मैं


Rate this content
Log in