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Shilpi Goel

Children Stories

4  

Shilpi Goel

Children Stories

मस्ती भरे दिन

मस्ती भरे दिन

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गर्मी की छुट्टी का 

इंतजार रहता सालाना।

 

ट्रेन से नानी के घर का 

सफर बड़ा सुहाना।


खिड़की की सीट के लिए 

नये पैंतरे लगाना।


रास्ते भर पौधों पहाड़ों को 

गिनते हुए जाना।


नानी मर्तबान भरकर 

अचार बनाती।


वापिसी तक बरनी 

खाली हो जाती।


मामी खिलाती 

स्वादिष्ट पकवान।

 

मामा लेकर आते 

ढ़ेर सारे आम।


आम चूसकर गुठली को 

मिट्टी में थे दबाते।


सोचा करते यहाँ 

आम के पेड़ हैं उग आते।


सब बच्चे मिलकर 

गली में हुड़दंग मचाते।


कुल्फी वाले अंकल को 

पकड़ घर ले आते।


नाना-नानी दिलाते 

सुन्दर-सुन्दर कपड़े।


मामा के बच्चों संग 

खूब होते थे झगड़े।



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