"मोना चली घूमने परिवार के साथ"
"मोना चली घूमने परिवार के साथ"
एक दिन बोली मोना,
अपने मम्मी पापा से,
कहां जाएंगे इस बार,
गर्मी की छुट्टियों में?
मम्मी ने हंसकर
लगाया बेटी को गले,
बोली जाएंगे इस बार,
ऊंचे पहाड़ पार।
छुट्टी पड़ते ही,
मौसम हुआ सुहावना,
पिकनिक का बना,
परफेक्ट बहाना।
मोना बोली-पैकिंग कर लें,
मम्मी पापा का पैक किया,
एक बड़े नीले सूटकेस में।
मोना की पीली स्ट्राली,
भर गई पल भर में।
किया उसने एक रकसैक में,
खिलौने , गेम्स अपने पैक।
साथ उनके चला बड़ा सा
म्यूजिक सिस्टम का तामझाम भी।
जैकी का सामान भी,
कर लिया मम्मी ने पैक।
चल दिए फिर कार में,
सभी साथ बैठ।
हल्ला मचाते शोर मचाते,
पहुंचे नैनीताल फिर।
नैनी झील में बोटिंग कर ली,
चढ़े चाइना पीक भी।
स्नो व्यूह से निहार कर,
पहाड़ों की सुंदरता को,
लौटकर अपने होटल आ गए,
थककर पड़े बिस्तर पर।
अगले दिन घूमें भीमताल,
सातताल और नौकुचिया ताल।
जैकी को भी मज़ा आ गया,
खुश हो होकर घूमा मोना संग।
खूब घूमें, खींचें फोटो,
चौथे दिन आ पहुंचे घर में।
अब भी मोना याद करती,
जिद करती है,
जाएंगे अगले साल भी,
घूमने नैनीताल को।