Uma Vaishnav
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मन मोहन मोह के वश बांधे, प्रेम की डोर,
मोह ना छूटे, हरि तेरे नाम से, नाता अटूट।
ये नाते - रिश्ते, सब मोह के द्वार, जीवन भार।
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