Bhoop Singh Bharti
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मनमानी करणे लगे, रोजाना ही लोग।
सुबह शाम ये घूमते, करै बाग म्ह योग।
करै बाग म्ह योग, रोग ल्यावै कोरोना।
जोगिंग करते ये, कमी कसरत की होना।
कहै भारती देख, किसी रै मन म्ह ठानी।
कर रहे पढ़े लिखे, घणी सी रै मनमानी।
झूमता बसंत है
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गीत