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मंजिल...
मंजिल तो अंतिम सांस है
मंजिल तो अंतिम सांस है
मंजिल तो अंतिम सांस है
जीना है तो
जीने के ढंग सीखो,
कर्मभूमि के
हर काम को करना सीखो।
कुछ पाना है तो,
अनवरत चलना सीखो।
जिन्दगी की शाम
मात्र पड़ाव है,
मंजिल तो अंतिम सांस है,
इसलिए चलना
और सतत् चलना सीखो।
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