मन बंजारा
मन बंजारा
मन बंजारा झूम झूम जब प्रेम गीत गाता था
दिल की धड़कन का इकतारा झनक झनक जाता था,
उर की पीड़ा बह जाती नैनों से रिस रिस के
अश्कों की जुगलबंदी बरखा की टिप टिप से,
अंतस बिसरी यादों की अलख जगाता जाता था
मन बंजारा झूम झूम जब प्रेम गीत गाता था।
सांझ का ढलता सूरज तेरे आने की दस्तक था
बरसों तेरी राहों में बंजारा नतमस्तक था,
तेरा इक दीदार ही दिल में मीठी टीस जगाता था
मन बंजारा झूम झूम जब प्रेम गीत गाता था।
तू ही बंदगी ,तू ही सजदा, तू ही प्राणाधार था
तू ही ईश्वर, तू ही अल्लाह, तू ही मेरा करतार था
तेरी राहों में बंजारा गीत बिछाता जाता था
मन बंजारा झूम झूम बस प्रेम गीत गाता था।
