महँगाई
महँगाई
अइसे ना उकेरीं हाई जिनिगी के खोल के।।
ए हो सरकार बढ़े दाम पेटरोल के।
ए मोदी बाबा बढ़ता दाम पेटरोल के।
महँगा अनाज भइल खरी तेल खार में,
नन्हका का खाई खइहें गोरुआ उधार में,
पियल जाई सतुआ का मोबिल में घोल के।
ए हो सरकार बढ़े दाम पेटरोल के।
ए मोदी बाबा बढ़ता दाम पेटरोल के।
दवा बिनु होत नइखे दुआ कुबूल हो,
डकटर झटक देता बोले जुलूल हो,
केहू नइखे बुझे वाला जिनिगी के मोल के।
ए हो सरकार बढ़े दाम पेटरोल के।
ए मोदी बाबा बढ़ता दाम पेटरोल के।
घीव भात खाला केहू जिये उपास में,
केहू बतलावे खूब प्रोटीन बा मास में,
संसद में बईठ केहू आँकेला झोल के।
ए हो सरकार बढ़े दाम पेटरोल के।
ए मोदी बाबा बढ़ता दाम पेटरोल के।
केहू चनरमा के भुइयां उतारेला,
मंगल पर जीवन ह जंगल के जारेला,
हमनी पे बात दिल कइला ना खोल के।
ए हो सरकार बढ़े दाम पेटरोल के।
ए मोदी बाबा बढ़ता दाम पेटरोल के।