मेरी घड़ी
मेरी घड़ी
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जिंदगी मेरे हिसाब से चलती है ,
कितना काम कितना समय देना है ,
सब तय पहले से करती चलती है,
तुम घड़ी चाहे जितनी भी बदलो,
समय तो निरंतर चलता जाता है,
जब भी कभी तुम निराश हुए हो,
कमरे में रात के सन्नाटे में भी,
मेरी आवाज तुम्हें सुनाई देती है,
मैं हर पल तुम्हारे साथ रहती हूँ,
कहती कुछ नहीं पर सब समझती हूँ,
उम्मीद को हमेशा मैं जिंदा रखकर,
और वक्त बदलने के साथ- साथ,
तुम्हारी किस्मत भी बदलती रहती हूँ!
