हमसे रखो न खार, किताबें कहती हैं। हम भी चाहें प्यार, किताबें कहती हैं। घर के अंदर हमसे रखो न खार, किताबें कहती हैं। हम भी चाहें प्यार, किताबें कहती हैं। ...
यादें कुछ कहती हैं यादें कुछ बताती हैं यादें कुछ सुनती हैं यादें कुछ कहती हैं यादें कुछ बताती हैं यादें कुछ सुनती हैं
जिंदगी मेरे हिसाब से चलती है , कितना काम कितना समय देना है , सब तय पहले से करती चलती जिंदगी मेरे हिसाब से चलती है , कितना काम कितना समय देना है , सब तय पहले से...
वो कहती तुम रुक जाओ जब याद करूँ चले आओ वो कहती तुम रुक जाओ जब याद करूँ चले आओ
फिर क्यों ? जय किसान का नारा बदनाम किया। फिर क्यों ? जय किसान का नारा बदनाम किया।