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dr. kamlesh mishra

Others

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dr. kamlesh mishra

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मेरे सवाल

मेरे सवाल

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कहते है कि नारी,

आजाद हो गई।

मैं पूछती हूँ किससे,

समाज के जुल्मों से या संविधान के नियमों से।


आप की नजर उस पर पड़ी,

 जिसकी आबरू लूटी और मार दी गई।

आप रोएँ आपने उसके हत्यारों को ,

फांसी की सजा दिलाकर उसे न्याय दिलाया।


आपकी नजर उस पर पड़ी,

जो अशिक्षित थी।

अपने अधिकारों से अनजान थी,

आपने शिक्षित किया, आत्मनिर्भर बनाया।


मैं पूछती हूँ उस नारी के बारे में,

जो बीवी तो बनी पर दूसरी।

एक अपराजिता थी, जो पराजिता बन गई,

अपनों के होते हुए भी जो गैर हो गई।


मैं पूछती हूँ ,

उस नारी की लड़ाई कौन लड़ेगा।

जो नियति की भेंट चढ़ गई और दुर्जनों के मुँह की

गाली बन गई।


मैं पूछती हूँ,

नारी कहाँ आजाद हो गई।

समाज से या संविधान से या मनुष्य के 

अत्याचारों से।



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