मेरे साजना
मेरे साजना
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रोशनी से भरो आज यूँ साजना
आज छू लो कि आती हमें लाज ना
आरजू आज भी रोज होती जवाँ-
प्यार में हो कभी आज से साँझ ना।।
याद जाती नहीं है सुनो साथिया
नींद आती नहीं है रात में माहिया
हो रहे हैं हमारे नजारे हसीं-
आपने आ किया हाल ये बेलिया।।
चाहती हूँ सदा आप ही प्यार दो
माँगती हूँ मुझे आज श्रृंगार दो
खो न जाऊँ कहीं चाँदनी रात में
हाथ को थाम के साथिया साथ दो।।
आ गये यूँ करीबी बढ़ाने लगे
रोज देके सजा यूँ सताने लगे
हो गई और भी शाम आते हसीं
देखके प्यार से ही मनाने लगे।।
आरजू है दिले आशिकी मेरी
हाँ रहूँ काबिले जान मैं तेरी
पास तस्वीर हो आपकी प्यारी
देखती ही रहूँ सादगी तेरी।।
