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Shilpi Goel

Others

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Shilpi Goel

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मेरे कान्हा

मेरे कान्हा

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ना शब्दों की पहचान मुझे

ना अक्षरों का ज्ञान है।

मुझको तो ओ मेरे कान्हा 

बस तेरे भजनों का भान है।।


तेरे भजनों के रस के आगे

फीका लागे हर संगीत का रस।

तेरे नाम रस से मेरे कान्हा 

आता मेरे जीवन मेें जस।।


जब से होश सम्भाला मैंने,

तुझसे जुदा खुद को पाया नहीं।

दीवानी हूँ तेरी इस कदर,

याद कुछ तेरे सिवा रहता नहीं।।


आओ कान्हा हम तुम मिलकर

करें एक आयोजन ऐसा जिसमें 

ना कोई मेहमान- ना कोई हंगामा हो।

तू मुझमें हो, मैं तुझमें हूँ

जलता चाहे सारा ज़माना हो।।


तेरे भजनों से मेरे कान्हा 

आयोजन का समां सुहाना हो।

तू मुझमें हो, मैं तुझमें हूँ

जलता चाहे सारा ज़माना हो।।


जलता रहे चाहे सारा जमाना कान्हा,

किया जो वादा तूने वो तोड़ना नहीं।

अरदास करूँ, पुकारूँ तुझको मेरे कान्हा,

मुझसे अब मुँह मोड़ना नहीं।।


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