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अनजान रसिक

Children Stories Inspirational

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अनजान रसिक

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मेरे हीरो पापा

मेरे हीरो पापा

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चलिए आज बात करते हैं आखिर कौन है हीरो?

क्या वो जो हम फिल्मों में देखते हैँ अपने अभिनय से लुभाते हमें जो?

अरे जनाब वो तो अभिनय - मात्र करते हैँ,

रूपहले परदे से दूर होते ही अपने असली रूप में आ जाते हैँ.

असली हीरो तो वही है जिसके जीवन में सतगुणों का समन्वय हो,

जिसका प्रत्येक कृत्य अद्भुत एक मिसाल छोड़ जाता हो.

ऐसे एक व्यक्ति को मैं भी भली - भांति जानती हूँ,

पुकारती हूँ जिन्हें पापा, उन्हीं को अपना हीरो, अपना आदर्श मानती हूँ.

यूँ तो जीवन दिया माँ ने, पर पापा ने खून- पसीने से इसे सींचा है,

अपने मज़बूत कांधों पे पूरे परिवार का बोझ वहन किया है.

कभी तो दुखी होते होंगे वे भी, पर मुझे इसका बोध नहीं,

अपने आसूं हसीं के पीछे दबा दिए ,

त्याग की अद्वितीय मिसाल उनके सिवा कोई और नहीँ.

जब सलाह की ज़रूरत पड़ी, तो परामर्श दाता बन गए,

वे पापा ही हैँ, हमारे उज्जवल भविष्य के लिए

संघर्ष करते - करते जिनके बाल सफ़ेद हों गए.

हमारी हर ख्वाहिश, हर हसरत को जिन्होंने सर्वोपरि रखा है,

अपने शांत और मितभाशी स्वभाव से पूरा घर सींचा है.

गलतियों पे डांट के कभी,तो कभी समझा के मार्गदर्शक बन गए पापा,

कामयाबियों पे मेरी मुझसे भी ज़्यादा प्रफुल्लित हों गए,

अत्यंत अनोखा, अभिन्न है उनसे मेरा नाता.

हमारी नन्हीँ सी दुनिया की आधारशिला, पूरा संसार हैँ पापा,

बिना इनके जीवन है निरर्थक, मेरे हीरो तो हैँ बस मेरे पापा..


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