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Sajida Akram

Others

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Sajida Akram

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मेरे अब्बू

मेरे अब्बू

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अब्बू आज भी शिद्दत से याद आती हैं,

आपकी हर वो बातें

जो आपने हमारी ज़िन्दगी को सवांरने में

बिताईं ,

दिन कहना तो ग़लत है,

सारी ज़िन्दगी आपने वक़्फ़ कर दी।

जब हमें कामयाब देखते थे

तो आपकी आंखों में ख़ुशी के,

आंसू तैरते देख कर हम भी आपके क़दमों

में प्यार पाने को बैठ जाते थे,

हमें मालूम है आपकी वो साइकिल से,

कई-कई घरों में जा कर ट्यूशन पढ़ाना,

मेहनत से कमा कर हमारी ज़रुरतों को

पूरा करना,

अब्बू आप आज भी शिद्दत से याद आतें हैं।

हम अधूरे से हैं।


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