"मेरा देश रहे खुशहाल*
"मेरा देश रहे खुशहाल*
भाई ,हर मन में प्यार रहे
नहीं देश में भ्रष्टाचार रहे
ये आतंकी बेल न फैलें
सूखे कभी न सुख की डाल।
मेरा देश रहे खुशहाल ....!
जन-जन में शिष्टाचार रहे
आपस में मृदु व्यवहार रहे
क्रिसमस, होली, ईद मनायें
नफरत रूप न ले विकराल
मेरा देश रहे खुशहाल...!
माँ बहनों को सम्मान मिले
नव कलियों को मुस्कान मिले
अस्मत लुटे नहीं बेटी की
बेटे बनें नहीं भूचाल
मेरा देश रहे खुशहाल....!
शिक्षित जन-मानस हों सारे
उड़ेंं गगन तक पंख पसारे
मात पिता गुरु की शिक्षा पर
उठे न अनुचित कोई' सवाल
मेरा देश रहे खुशहाल....!
अहंकार की गगरी टूटे
ग्रंथि बंधुत्व की कभी न छूटे
सुख की चादर बढ़ती जाये
मिलजुल कर सब करें धमाल
मेरा देश रहे खुशहाल.....!
बहे गली में अमृत धारा
चम-चम चमके नभ ध्रुव तारा
धान, बाजरा जौ गेहूँ हों
पुष्प न होये खाली थाल ।
मेरा देश रहे खुशहाल़...!