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Kusum Joshi

Others

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Kusum Joshi

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मेरा भारत

मेरा भारत

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अपना भारत श्रेष्ठ भारत

हो विलक्षण ख्याति में ,

सब रहें समभाव से,

कोई द्वेष ना हो जाति में ।


उत्तर से दक्षिण और ,

पश्चिम -पूर्व से हम जोड़ दें ,

हिममुकुट के चरणों में ,

सागर सुरीला छोड़ दें।


हों अलग मत-बात लेकिन ,

मन हमारे एक हों,

निश्छल सरल हों सब यहाँ ,

सब सुहृदय सब नेक हों ।


कश्मीर से कन्याकुमारी ,

ईटानगर गुजरात में ,

हम न देखें भिन्न इनको

भारत दिखे हर बात में ।


सब चलें आगे बढ़ें ,

कोई छूट न जाए कभी ,

कमजोर को भी साथ लें,

छूं लें शिखर संग में सभी ।



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