मौत
मौत
आज उनको, एक पैगाम लिख देना
कि मौत को मेरे नाम लिख देना।।
मेरे चाहने वाले हजार थे,
पर नफरतों के बाजार थे,
मेरे मुकद्दर को गम-ए-बरसात लिख देना
कि मौत को मेरे नाम लिख देना ।।
कहने को तो अनेक दोस्त थे,
पर माना एक नही,
इस कहानी को वफा-ए-उल्फत लिख देना,
कि मौत को मेरे नाम लिख देना।।
मेरे अपनो ने बर्बाद किया,
दिलो से खिलौने, सा व्यवहार किया
मेरे अपनो को तुम आबाद लिख देना,
की मौत को मेरे नाम लिख देना।।
ये रोज का मरना,
आंखों के पलकों को भिगोना,
मेरी धड़कती धड़कन को मौन-ए-एतबार लिख देना,
कि मौत को मेरे नाम लिख देना।।
जीना था मुझे,, पर अब नही
सुना हैं,मौत के बाद तारीफ मिलती हैं
मेरे साथ को अंतिम-ए-एहसास लिख देना
कि मौत को मेरे नाम लिख देना।।
