Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

Dr.SAGHEER AHMAD SIDDIQUI डॉक्टर सगीर अहमद सिद्दीकी

Others

4  

Dr.SAGHEER AHMAD SIDDIQUI डॉक्टर सगीर अहमद सिद्दीकी

Others

मौसम का क्या मिजाज है मत पूछिए

मौसम का क्या मिजाज है मत पूछिए

1 min
11


मौसम का क्या मिजाज है मत पूछिए जनाब।

ठंडक से छुप गया है कहीं जाके आफताब

कंबल रजाई ओढ़ के लेटे हैं अभी तक।

दुबके पड़े है बचपना पीरी हो या शबाब

दिखता नहीं है सामने कुछ सूझता नहीं।

कोहरा बरस रहा है सड़क पर भी बेहिसाब

ठंडी बचा न पाएगा अब कोई अलाव।

सिंक सिंक के हुए जा रहे हैं अब सभी कबाब

अब हाथ पैर सुन्न हैं,और कंपकपाते होंट।

कैसे पढ़े भी कोई मुहब्बत की अब किताब

बर्ग,गुल,शाख, शजर लगते बर्फ से।

बेला,गुलाब,चंपा चमेली हो या गुलाब

सर्दी का है असर की अजी नाक बह रही।

मुंह को छुपा लो यार लगा लो कोई हिजाब

कैसे लिखें ग़ज़ल कोई या शेरो शायरी।

सिकुड़ी हुई क़लम भी है,ठिठरी है माहताब

कितनी नसीहतें मिली कितनी फजी़हतें।

लेटे लिहाफ ओढ़ "सगी़र" नेकी और सवाब।


Rate this content
Log in