ग़ज़ल
ग़ज़ल
1 min
6
दुश्मन से भी यारी रख।
मन में बातें प्यारी रख।
दुख न पहुंचे लहजे से।
इतनी जिम्मेदारी रख।
मैं तुझको हासिल कर लूंगा।
तू भी इसकी तैयारी रख।
जो तेरा है बस तेरा है।
उसकी मत पहरेदारी रख।
मंज़िल"सगीर" मिल जाएगी।
अपने सफ़र तू जारी रख।