मौसम 3
मौसम 3
नये प्रेम का नया मौसम है यहाँ
मौसमों का मौसम
नाम क्या दें इसे
जितनी दूर रौशनी,उतनी ही दूर अंधेरा
जितना दूर शोर ,उतनी ही दूर मौन
जितनी दूर जीत,उतनी ही दूर हार
जितनी दूर पतझड़,उतनी ही दूर सावन
जितनी दूर तुम,उतनी ही दूर मैं
जितने पास तुम,उतने ही पास मैं।
बीच मे बहता हुआ ये मौसम
नाम क्या दें इसे
काम चलाते हैं इशारों भर से
नये प्रेम का नया मौसम यहाँ
सुना था,पढ़ा था जन्नत
तो जन्नत से सुंदर है ये
और दिलचस्प भी।
मनाते हैं विजय दिवस
और बहुत पीछे छूटा हुआ दिन है वो
जैसे नये प्रेम का नया उत्सव है यहाँ
जीवन और मृत्यु के बीच
आइस बाइस का खेल
कुछ शैतान बच्चे युद्ध की कला सीख रहे हैं
और जाने कितने युद्ध सिमटे हुये हैं
इस नये प्रेम के नये मौसम में।
इतने दूर की छू भी नहीं सकते
इसे नये प्रेम के नए उत्सव को।
लगता होगा कुछ कमी है इसमें पर है नहीं
अपने आप मे पूर्ण है
और जितना प्राकृतिक है उतनी हमारी निर्मित है
हमारी क्या हमारे दिल की
हम तो उलझे हुए हैं दिमाग मे
और वो डूबा हुआ है अहसास में।
नये प्रेम का नया उत्सव है यहाँ
जो शोर था वो खामोश है
और मौन गुनगुना रहा है यहाँ।