Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

Anita Sharma

Others

4  

Anita Sharma

Others

"मैं"

"मैं"

2 mins
397



किसी मय में आज

तलाशने उस "मैं" को

जो दहाड़ता है होशो हवास में

सुना है नशेमन दिल,

कभी झूठ नहीं कहता

चालाक था,मेरे अंदर छुपा

"मैं"...कुछ न बोला!

बस एक बुत सा मौन रह गया

मैंने बहुत कुरेदा...झकझोरा

आईने में खड़े अक़्स ने भी मुँह फेरा

अपराधबोध जाग्रत जैसे हुआ,

खुद के अक्स से ही जब शर्मिंदा हुआ,

ये दौलत शोहरत तो है…बस नाम की,

असली शख्शियत गुलाम

बस एक जाम की

सब देख

मेरे अंदर छुपा स्तब्ध सा "मैं"

आँखों से झरझर बेतहाशा बहने लगा

निगाह नीची किये...खुद से ही कहने लगा

मेरी औकात मैं जान गया

"मैं" कुछ नहीं ये मान गया मैं!

भूल मेरी ये ठहरी...माना खुद हो ही सर्वोपरी

मैं कौन हूँ,क्या हूँ,कहाँ से आया हूँ!

एक बोझ सा हूँ खुदपर बस मैली काया हूँ;

आज हूँ धुत्त लेकिन होश में आया हूँ,

अपने सच्चे वजूद को तलाश पाया हूँ।



Rate this content
Log in