मैं हूँ राधिका तेरी
मैं हूँ राधिका तेरी
चुनरी ओढूंगी श्याम तेरे नाम की,
मैं हूँ राधीका तेरी, बरसाना गॉंव की...
जब जब मुझ को, याद तेरी आवे,
दौड़ के आऊँ मैं, यमुना तट पे।
पुकार करती हूँ मैं, तेरे नाम की,
मैं हूँ राधीका तेरी, बरसाना गाँव की।...
सपनों में आके, मुझ को सतावे,
धड़ी धड़ी पल पल, कछु न सुहावे।
तड़प मिटा जा तू, मेरे प्यार की।
मैं हूँ राधीका तेरी, बरसाना गाँव की।...
मन मंदिर में सूरत है तेरी,
देखने को अँखिया, तरसे मेरी।
माला जपती हूँ मैं, तेरे नाम की,
मैं हूँ राधीका तेरी, बरसाना गाँव की।...
ओ मेरे बालम, तू मेरा प्रियतम,
मेरे दिल में, मच गई हल चल।
"मुरली" सुना दे मुझे, मीठी प्यार की,
मैं हूँ राधीका तेरी, बरसाना गाँव की।..
