मैं आशीष हूं
मैं आशीष हूं
बीथी हो या पगडण्डी हो
छोटा हो या श्रेष्ठ पथिक हो
जीवन चाहे जितना सरल हो
जहां भी देखो जिधर भी देखो
मैं ही मैं हूं मैं ही मैं हूं
सभी के मुख पर मैं ही मैं हूं।।
छोटे जन हों महापुरुष हों
बूढ़ा हो या युवक हो
माता पिता व पुत्र वधु हो
जहां भी देखो जिधर भी देखो
मैं ही मैं हूं मैं ही मैं हूं
सभी के मुख पर मैं ही मैं हूं।।
शत्रु हो या मित्र कोई हो
पापी हो या सत्कर्मी हो
निर्धन हो या महा धनी हो
जहां भी देखो जिधर भी देखो
मैं ही मैं हूं मैं ही मैं हूं
सभी के मुख पर मैं ही मैं हूं।।
ईश्वर हो या देव कोई हो
गुरु हो चाहे शिष्य कोई हो
पशु पक्षी और वृक्ष कीट हो
जहाँ भी देखो जिधर भी देखो
मैं ही मैं हूं मैं ही मैं हूं
सभी के मुख पर मैं ही मैं हूं।