"मानसून ढ़ीला पड़ा "।
"मानसून ढ़ीला पड़ा "।
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मानसून ढ़ीला पड़ा, हाली देखें बाट।
फसल खड़ी मुरझा रही , हो घनी घबराहट।
हो घनी घबराहट, बैचेन सभी हो रहे।
मेघ घिरे देख अब, गुहार खूब लगा रहे।
कह 'जय'बिन बरसात,फफक रहा कमल प्रसून।
चातक करता आस, जल्दी आओ मानसून।