माँ तेरी परछाई
माँ तेरी परछाई
1 min
250
ख्वाब मैं कुछ ऐसा सजाऊँ
एक पल में ही तेरी परी बन जाऊं
तू जब प्यारी सी लोरी सुनाए
मिठी सी निंदीया मुझे आजाए
मेरा हक तुझी पर माँ
बिन तेरे मैं जाऊं कहाँ
ममता की ऐसी मूरत पर मैं
अपना शीश नवाऊँ
आशा की तितली बन जाऊं
सुबह सवेरे जब अपनी आँखे खोलूँ
देख पाऊँ तेरी सूरत में
जब नभ में बादल घिर आए
देखना चाहूँ तेरी छवि
जब तेरी प्यारी सी मुस्कान में देखूँ
आखों से आंसू छलक जाए।