डर की परछाई
डर की परछाई
गौर करो तुम........
जहां इन रास्तों पर लगती थी लंबी सी कतारें
वहां मिलते है अब बस आसमान के सितारे
देखोना ये कहा से कहा आ गए हम.....!
गौर करो तुम........
जहां लगते थे घर में साथ में ठहाके
वहां कोविड ले गया खुशियों को बहाके
देखोना ये कहां से कहां आ गए हम.....!
गौर करो तुम........
हालात कुछ ऐसे है यहां की परिंदा भी नज़र ना आए
निकलोगे अगर घरों से बाहर तो कहीं ये बीमारी ना जकड़ जाए
देखोना ये कहां से कहां आ गए हम.....!
गौर करो तुम........
सुनसान ये सड़के हमसे कुछ कहती हैं सुनो
अगर जान नहीं गवानी तो घर में ही रहो
देखो ना ये कहां से कहां आ गए हम.....!
गौर करो तुम........
अभी तो सिर्फ़ रास्ते सुने हुए हैं
करोगे अगर अपनी मन मानी तो बस्तियां भी लगेगी अनजानी
देखोना ये कहां से कहां आ गए हम......!
गौर करो तुम........
रहो घर में परिवार के साथ अपने
सजाओगे वो सारे सपने
देखोना ये कहां से कहां आ गए हम....!
स्टे होम स्टे सेफ.......!
