माँ की व्यथा
माँ की व्यथा
टी वी रियलिटी शो ने
मुझे झकझोर दिया !
आँसू इतने बहे कि
हमको कहीं छोड़ दिया !!
एक-एक करके
सारे कलाकारों ने
अपना जलवा दिखाया !
मधुर संगीत से अपना
परचम फहराया !!
आज का शो बिलकुल
ह्रदय को छू लिया !
हमने भी अश्रुधरा को
अवाधगति से बहने दिया !!
गाने का विषय
'मात -पिता' पर रखा गया !
सबने सुन्दर सुर लगाये
सब का जादू चल गया !!
सबने अपने मात -पिता
को याद किया
किसी ने माँ को सराहा
और पिता को नमन किया !!
आज हम जिस
मुकाम पर पहुंचे हैं
और जीवन का
महत्व समझे हैं
ऊँगली पकड़कर
चलना हमें सिखाया है
रात-रात खुद जगकर
हमको सुलाया है
बहुत यत्नों से
हमको संवार दिया
पालकर अहर्निश
हमको बड़ा किया !!
यह एहसान इन लोगों ने
नहीं भूला
मंच भी इन्हें देख
डगमग सा डोला !!
किसी की मम्मी आयी थी,
किसी के पापा आये थे !
किसी ने अपनों को बुलाया था
किसी के मित्र आये थे !!
देखकर गदगद हुए
रंगमंच के सारे सितारे
आज देखो देव धरती पर
खुद ही पधारे !!
आँसू नयन से
बह रहे थे !
उर तो गदगद
हो रहे थे !.!..
हम भले इस व्यथा को
चैनल बदल कर भूल जाएँ
पर दूर बैठे
अपने बच्चों को
हम कैसे बताएं ??
