माँ अमर है
माँ अमर है
1 min
316
माँ ज़िंदा रहती है
हमेशा अपनी बेटियों में
हमेशा उनकी रसोई मे
उनके काम के तरीके मे
वो ज़िंदा रहती है अपनी
बेटियों की मुस्कुराहट में
उनकी खुशियों में
उनके पहनावे मे
वो झलकती है बेटियों के
माथे की बिंदी मे
कभी कभी बंधे हुए बालों में
पुराने कंगन में कभी
कभी आंगन की रंगोली में
हर उत्सव की तैयारी में
हर पूजा की थाली में
माँ गाती है बेटियों के भजनों में
माँ रहती है बेटियों के नगमों में
माँ ज़िंदा रहती है हमेशा।