"माॅ॑ एक फरिश्ता" #31writingprompts
"माॅ॑ एक फरिश्ता" #31writingprompts
मोना है अपनी खिलाड़ी,
रोजाना खेले बिना नागा खेल।
फुटबॉल की शौकीन मोना,
सुबह सुबह जमकर करती अभ्यास,
दूध पीकर जाती मैदान,
आना उसको खेल में अव्वल।
एक दिन अकेली खेल रही थी,
सहेलियां उस दिन आईं नहीं थीं।
मारी किक मोना ने ज़ोरदार,
बलखा कर गई फुटबॉल उस पार।
मोना भागी, आगे फुटबॉल,
सड़क पार पहुंची, दीवार पार।
मोना दौड़ी, रखा कदम सड़क पर,
तभी उठा लिया किसी ने प्यार से,
गोद में भरकर।
मोना डरकर मींची पलकें,
बची वो आते-आते कार के नीचे।
कार ड्राइवर ने लगाया ब्रेक,
ऑ॑खें खोली तो पाया,
माॅ॑ ने बचाया ऐन वक्त पर
आकर पीछे से मोना के,
माॅ॑ ही वो फरिश्ता थी,
जिसकी गोद में मोना थी।