लोहड़ी
लोहड़ी
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संतति मङ्गल कामना,जननी करे अपार।
लड्डू तिल के बन रहे,सकट चौथ त्यौहार।।
मूँगफली ,गुड़ ,रेवड़ी ,भभक रही अंगार ।
करें भाँगड़ा लोहड़ी, हुआ शीत पर वार ।।
मकर राशि दिनकर चले ,करें स्नान अरु दान।
उत्सव के इस देश में ,संस्कृति बड़ी महान ।।
रंग बिरंगी उड़ रही,अब पतंग चहुँ ओर ।
मन पाखी बन है वही,थामे दिल की डोर।।
ऋतु परिवर्तन जानिये ,निकट बसन्त बहार।
पीली सरसों खेत में ,धरा करे श्रृंगार ।।
