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Pooja Kalsariya

Others

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Pooja Kalsariya

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लोग खुद को बहला गए...

लोग खुद को बहला गए...

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सूरज जो छिपा, सब होश में आ गए,

दिन भर उड़ते परिंदे, अपने घोंसलों में आ गए।


कहानियां बनकर कुछ लोग खुद को बहला गए,

कुछ लोगों कि निगाहों में तो

कुछ सुर्खियों में आ गए।


रुसवाई मिली किसी को तो

कुछ समझदार बन गए,

कुछ को कश्तियाँ डूब गई,

तो कुछ मझधार बन गए ।


लोगों के मरने से श्मशान बन गए,

कुछ बने मुरदे तो कुछ तो इंसान बन गए ॥



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