थे वे नादान परिंदे समझ नहीं थी जिनको खतरे और सुरक्षा की । थे वे नादान परिंदे समझ नहीं थी जिनको खतरे और सुरक्षा की ।
कुछ लोगों कि निगाहों में तो कुछ सुर्खियों में आ गए। कुछ लोगों कि निगाहों में तो कुछ सुर्खियों में आ गए।