STORYMIRROR

Vihaan Srivastava

Others

3  

Vihaan Srivastava

Others

लखनऊ की सैर

लखनऊ की सैर

1 min
355

मैं और मेरी मा जा पहुंचे नवाबों के शहर

मौसी जी के घर में हम दोनों गए ठहर

भूलभूलैया में मुझे लगा बहुत ही डर

भटका काफी देर तक हों गया मै जर्जर।


अगले दिन हम दोनों पहुंचे सुंदर घंटाघर

उधर बढ़ा दी हमने अपनी मांगों की नई दर

मौसा जी ने खूब दिखाएं फिर अपने तेवर

याद नहीं जल्दी सब गुजरे वो सारे पहर


रेल यात्रा भी थी उम्दा गए दीदी जी के घर

जीजाजी संग मनी दीवाली चिन्ता बेखबर

लौट रहे तो दादी ने दिए माँता को जेवर

इसी तरह से जीवन में खूब आती रहे लहर।


Rate this content
Log in