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लग गयी नजर

लग गयी नजर

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निकले थे हम घर से

दिलो से दिलो को मिलाने

हादसा ऐसा हुआ रुला गया

दिल टूट कर

बिखर कर रह गया

प्यार का दीया

जो जलाया था

वो बुझ गया रखा था

संभालकर

हर आंधी हर तूफान से

ना ही तेल की कमी थी ना ही

हवाओ का डर

बस ज़माने की लग गयी नजर

और छीन लिया हमारा प्यार

किनारे पर खड़ी थी

कश्ती हमारी

और डूब गई और हम

चुप चाप खड़े तमाशा

देखते रह गए

दोष किस का था

ये फैसला कौन करेगा

हम किसी पर इल्ज़ाम

कभी लगाते नहीं

तुम्हें भूले नहीं है हम

दिल में बसाया था तुमको

और दिल में

बस गए थे तुम

तुम दूर भी

चले गए तो क्या हुआ

तुमसे किया हर वादा

निभाते है हम

आँखों में आंसू आने नहीं देते

हर पल खुश रहने का

दावा करते है हम

तेरे साथ हर शाम बिताने का

वादा था हमारा

वो अब भी तेरे ख्यालों से

गुफ्तगु करके

पूरा करते है हम

रातो को चाँद तारो से

बाते करके मुस्कुराते है

तुझे भूले नहीं हम आज भी

तुम याद आते हो ।


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