लालबत्ती वाले नेताजी
लालबत्ती वाले नेताजी
आंखें आज भी हो जाती नम
क्योंकि हम पढ़े लिखे हैं कम,
साथी ने कहा मत कर गम
नेतागिरी में दिखा दे अपना दम।
विचार किया कम पढ़े लिखे के लिये अच्छा है यह रास्ता,
पढ़ाई लिखाई का नहीं है दूर तक कोई वास्ता।
नेता बनने की कैसी मजबूरी है,
नेतागिरी जब तक अधूरी है,
इसलिए लाल बत्ती अब जरूरी है,
सत्ता से नहीं दूरी है।
लाल बत्ती के लाभ क्या बताएं,
जहां से गुजरें काफिला,वहां सब रुक जाएं,
आगे पीछे दाएं बाएं, गनर से हम घिरे पाएं।
इस बात का है हमें इल्म,
पढ़े लिखे भर रहे नेता की चिलम।
कैसे कैसे होते है जुल्म,
जनता पर ढाते हैं वो सितम।
इस हाथ लेता उस हाथ देता,
लाल बत्ती वाला वो नेता,
हम देखकर नेतागिरी अब आ गए तंग,
बड़ी मुश्किल है जीतनी जंग,
सियासत के देखे गिरगिटी रंग,
हम नहीं रहेंगे लाल बत्ती के संग।
