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Nikki Sharma

Others

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Nikki Sharma

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कुछ नहीं कहते हैं

कुछ नहीं कहते हैं

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जज्बातों को दबा कर रख जाते हैं

मर्द है रोते नहीं यही सुनते आते हैं

हंसना रोना तो जीवन का पहलु है

पर जीवन में आई पीड़ा को कहने नहीं देते है


पत्थर दिल बनने का है, यही अक्सर सुनते हैं

आंसू नहीं बहाना है तुम्हें इसे छिपाना है

व्यथीत होता मन फिर भी कुछ नहीं कहते हैं

लड़के हो... लड़की है क्या?? हर बात पर यही सुनते आते हैं


जागी हर चेतना को, अश्रु धारा को फिर छिपा जाते हैं

लड़के हो पत्थर दिल बनना होगा हर लम्हा

मजबूत दीवार सा रहना होगा हर धर्म निभाना होगा

जीवन में आगे बढ़ना है तुम्हें बहुत कुछ करना है

कर्तव्य बोध का हर पल आभास कराती है


लड़के हो तुम तुम्हें ही घर चलाना है

हादसों से भी उभर जाना है तूफानों से भी टकरा जाना है

दर्द कितना भी आए बस उसे सह जाना है

मां, पिता का साया उठ जाता है तब भी पत्थर दिल बन जाता है मन


बोझिल सा हो जाता है दिल फिर भी ना खुलकर रो पाता है हर पल कानों में यही गुंजता लड़के रोते नहीं "हां लड़के रोते नहीं"

रूधे गले से बहन को विदा किया सब कुछ निपटा कर

जोर जोर से चिल्ला कर दर्द दिल का कम करते हैं

रोए भी तो रोए कैसे बचपन से सुनते हैं 

हां लड़के रोते नहीं है हां लड़के रोते नहीं है


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